14 साल से कम उम्र के बच्चों से मजदूरी करवाना कानून जुर्म है ये बात सभी जनाते है लेकिन खुलेआम इस कानून का उल्लंघन करने वाले बाज नही आते। बाल नियाजकों को उनकी गलती का अहसास दिलाने के लिए राजधानी के बच्चों ने उनकी शवयात्रा निकाली काले पहनकर बाल नियोजको की शवयात्रा निकालने के साथ साथ बच्चों ने गधांे और तख्तियों के जरिए भी अपना विरोध जताया। ढाबे रेस्त्रां आफिसों और घरों में बच्चों से काम न कराने के लिए सरकार ने कठोर कानून और योजनाऐ बना तो दी लेकिन इनका सही क्रियान्वयन न होने से बाल मजदूरी आज भी जारी है।
Monday, February 1, 2010
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